Purnea Airport Land Acquisition Protest
Purnea, March 12, 2025: पूर्णिया में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण (land acquisition) का काम शुरू होते ही विवाद गहरा गया है। मंगलवार को गोआसी पंचायत में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया और पुलिस को लाठी-डंडों से खदेड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिना मुआवजा (compensation) दिए उनकी मक्के की फसल को काट दिया गया। वहीं, Sub-Divisional Officer (SDO) पार्थ गुप्ता ने कहा कि सभी प्रभावित मालिकों का मुआवजा कोर्ट में जमा कर दिया गया है और वे वहां से राशि ले सकते हैं। लेकिन स्थानीय लोगों, खासकर एक महिला का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई पैसा नहीं मिला है। इस घटना ने पूर्णिया में तनाव बढ़ा दिया है, और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

हंगामे की शुरुआत: मक्के की फसल पर चली मशीन
मंगलवार सुबह जब SDO पार्थ गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम गोआसी पंचायत पहुंची, तो उनका मकसद एयरपोर्ट निर्माण के लिए जमीन तैयार करना था। ग्रामीणों का दावा है कि करीब 6 कट्ठा जमीन पर लगी मक्के की फसल को बिना उनकी सहमति के काट दिया गया। एक स्थानीय महिला ने गुस्से में कहा, “हमारी फसल हमारी जिंदगी है। बिना मुआवजा दिए उसे नष्ट कर दिया गया। हम इसका विरोध क्यों न करें?” गुस्साए ग्रामीणों ने लाठी-डंडे उठा लिए और पुलिस को भगा दिया। इस झड़प में 10 ग्रामीण और 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि ग्रामीण और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
SDO का बयान: “मुआवजा कोर्ट में, आक्रोश होगा तो देख लेंगे”
SDO पार्थ गुप्ता ने स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए कहा, “सभी जमीन मालिकों का मुआवजा कोर्ट में जमा कर दिया गया है। वे वहां से राशि प्राप्त कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए बाहर से contractors आ चुके हैं और काम शुरू करने के लिए सुरक्षा जरूरी है। ग्रामीणों के गुस्से पर उन्होंने टिप्पणी की, “पब्लिक में आक्रोश होगा तो हम देख लेंगे।” लेकिन उनका यह बयान ग्रामीणों को शांत करने के बजाय और भड़काने वाला साबित हुआ। एक स्थानीय किसान ने पूछा, “कोर्ट में पैसा जमा करने से क्या होगा? हमारे पास वकील और समय कहां से लाएं?”
ग्रामीणों का गुस्सा: “हमें कुछ नहीं मिला”
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुआवजा कोर्ट में जमा होने की बात उन्हें समझ नहीं आती। एक महिला ने बताया, “हमें न तो कोई नोटिस मिला, न ही कोई पैसा। ऊपर से हमारी फसल काट दी गई। हम क्या खाएंगे?” ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने उनसे कोई बातचीत नहीं की और अचानक उनके खेतों पर मशीनें चला दीं। पिछले कुछ दिनों से इलाके में तनाव बढ़ रहा था, और सोमवार को भी छोटे स्तर पर हंगामा हुआ था। मंगलवार को यह विरोध हिंसक रूप ले लिया।
Airport Project का सपना और हकीकत
पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण बिहार के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। Udan Scheme के तहत शुरू यह परियोजना क्षेत्र में connectivity और रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा करती है। जिला प्रशासन का दावा है कि 52 एकड़ में से 17 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहण की जा चुकी है। लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया हमेशा से विवादों में रही है। 2019 में भी 54 किसानों ने इसके खिलाफ आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। अब ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न तो सही मुआवजा मिला, न ही उनकी बात सुनी गई।
तनाव के बीच पुलिस तैनात
हंगामे के बाद प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिसकर्मी लगातार कैंप कर रहे हैं ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। उनका कहना है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे विरोध जारी रखेंगे। इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि विकास के नाम पर क्या आम लोगों की कीमत चुकानी पड़ती है?
आगे क्या?
पूर्णिया एयरपोर्ट का भविष्य अब ग्रामीणों और प्रशासन के बीच समझौते पर टिका है। अगर मुआवजा (compensation) और पुनर्वास की व्यवस्था पारदर्शी तरीके से नहीं हुई, तो यह विरोध और बढ़ सकता है। बिहार में पहले भी land acquisition को लेकर विवाद हो चुके हैं, और पूर्णिया की यह घटना उसकी ताजा मिसाल है। क्या प्रशासन ग्रामीणों का भरोसा जीत पाएगा, या यह प्रोजेक्ट एक और अधूरी कहानी बनकर रह जाएगा? यह वक्त ही बताएगा।
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