विधानमंडल में 11,187 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट :- पटना की हवा में आज कुछ खास है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा और विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 11,187 करोड़ रुपये का तृतीय Supplementary Budget पेश किया। यह कोई साधारण बजट नहीं है—यह बिहार की धरती पर बदलाव की नई कहानी लिखने का वादा है। गांव की कच्ची झोपड़ियों से लेकर शहर के अस्पतालों तक, यह बजट हर तबके को छूने की कोशिश करता है। तो चलिए, इसकी परतें खोलते हैं और देखते हैं कि इसमें ऐसा क्या है जो इसे खास बनाता है।
पहले समझें: Supplementary Budget का मतलब
सप्लीमेंट्री बजट को आप एक “एक्स्ट्रा मदद” की तरह देख सकते हैं। साल की शुरुआत में जो मुख्य बजट आता है, वह सरकार का पूरा प्लान होता है। लेकिन कभी-कभी रास्ते में कुछ ऐसा हो जाता है—जैसे बाढ़, महंगाई, या कोई नई जरूरत—जिसके लिए अतिरिक्त पैसे चाहिए। यही काम करता है यह Supplementary Budget। इस बार 11,187 करोड़ रुपये की यह राशि बिहार के लिए कई सपनों को हकीकत में बदलने की तैयारी में है।

पैसा कहां-कहां बंटेगा? पूरी तस्वीर
यह बजट कई रंगों से सजा हुआ है। हर राशि के पीछे एक मकसद है, हर खर्च के पीछे एक कहानी। आइए इसे बारी-बारी से देखें:
- Pradhan Mantri Awas Yojana (Rural) – 2,292 करोड़ रुपये
सबसे बड़ा हिस्सा—2,292 करोड़ रुपये—उन परिवारों के लिए है जो आज भी कच्चे मकानों में बारिश की बूंदों से जूझते हैं। PMAY-Grameen के तहत यह पैसा गांवों में पक्के घर बनवाएगा। सोचिए, एक मां अपने बच्चों को बारिश में भी सूखी छत दे सकेगी—यह सिर्फ घर नहीं, सम्मान की बात है। - Medical Colleges और ANM-GNM स्कूल – 4,974 करोड़ रुपये
स्वास्थ्य के लिए यह बजट किसी वरदान से कम नहीं। 4,974 करोड़ रुपये से नए Medical Colleges, अस्पताल और ANM-GNM Schools बनेंगे। बिहार में जहां डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं की दिक्कत पुरानी कहानी है, वहां यह कदम उम्मीद की किरण है। आने वाले सालों में गांव-गांव तक इलाज पहुंचेगा। - Electricity Sector – 551 करोड़ रुपये
बिजली आज की सबसे बड़ी जरूरत है। 551 करोड़ रुपये से बिजली का ढांचा मजबूत होगा। गांव में रात को रोशनी और शहर में बिना कट की बिजली—यह सपना अब हकीकत के करीब है। - Police Buildings – 416 करोड़ रुपये
कानून और व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए 416 करोड़ रुपये से पुलिस के नए भवन बनेंगे। बेहतर थाने और सुविधाएं पुलिस को मजबूती देंगी, और जनता को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। - Roads और Bridges – 370 करोड़ रुपये
सड़कें जोड़ती हैं—लोगों को, सपनों को। 370 करोड़ रुपये से नई Roads और Bridges बनेंगे। गांव से शहर तक का सफर आसान होगा, और व्यापार को भी नई उड़ान मिलेगी। - Secondary Schools – 370 करोड़ रुपये
बच्चों का भविष्य संवारने के लिए 370 करोड़ रुपये से Secondary Schools बनाए जाएंगे। खासकर गांवों में, जहां स्कूल दूर हैं, यह शिक्षा की नई रोशनी लाएगा। - Working Women Hostels – 223 करोड़ रुपये
कामकाजी महिलाओं के लिए 223 करोड़ रुपये से Hostels बनेंगे। यह Women Empowerment का मजबूत कदम है। नौकरी करने वाली बहन-बेटियों को सुरक्षित ठिकाना मिलेगा, और वे बेफिक्र होकर अपने सपने पूरे करेंगी। - Incentive for Intermediate Passed Girls – 212 करोड़ रुपये
इंटर पास अविवाहित लड़कियों को प्रोत्साहन के लिए 212 करोड़ रुपये। यह राशि उन्हें आगे पढ़ने और आत्मनिर्भर बनने का हौसला देगी। एक लड़की पढ़ेगी, तो पूरा परिवार आगे बढ़ेगा। - Chief Minister Balika Poshak Yojana – 130 करोड़ रुपये
स्कूल की लड़कियों के लिए 130 करोड़ रुपये से Balika Poshak Yojana को बल मिलेगा। यूनिफॉर्म और पढ़ाई की मदद से ड्रॉपआउट कम होगा, और शिक्षा का रास्ता मजबूत होगा। - Incentive for Graduate Girls – 100 करोड़ रुपये
ग्रेजुएशन करने वाली हर लड़की को 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि। यह Higher Education को बढ़ावा देगा और लड़कियों को करियर की नई ऊंचाइयां छूने का मौका देगा। - Municipal Corporations के Electricity Bills – 301 करोड़ रुपये
शहरों में बिजली का बकाया चुकाने के लिए 301 करोड़ रुपये। इससे नगर निगमों का बोझ कम होगा, और बिजली व्यवस्था सुचारु रहेगी।
सवाल जो मन में उठते हैं
यह बजट जितना सुंदर दिखता है, उतने ही सवाल भी लाता है। इतना पैसा कहां से आएगा? क्या यह कर्ज बढ़ाएगा? और सबसे बड़ा सवाल—क्या यह पैसा सचमुच लोगों तक पहुंचेगा? Transparency और Execution इसकी कामयाबी की कुंजी है। साथ ही, बार-बार Supplementary Budget की जरूरत क्यों? क्या पहले से बेहतर प्लानिंग नहीं हो सकती थी? ये सवाल विधानमंडल में गूंज सकते हैं, और जवाब जनता को चाहिए।
आखिरी बात: बिहार के लिए नई राह
11,187 करोड़ रुपये का यह तृतीय अनुपूरक बजट बिहार के लिए एक सुनहरा मौका है। यह Housing, Healthcare, Education, और Women Empowerment जैसे क्षेत्रों में नई उम्मीद लेकर आया है। अगर इसे ईमानदारी और मेहनत से लागू किया गया, तो यह बिहार की तस्वीर बदल सकता है। गांव की गलियों से लेकर शहर की सड़कों तक, यह बजट हर कोने को रोशन करने का वादा करता है। अब नजर इस पर है कि यह कागज से कितना जमीन पर उतरता है।
तो, आपके लिए यह बजट क्या मायने रखता है? क्या यह आपके सपनों को छूएगा? वक्त ही बताएगा, लेकिन यह कहानी अभी शुरू हुई है—और यह देखने लायक है!