बागेश्वर बाबा का हिंदू राष्ट्र बयान:- बिहार के गोपालगंज में एक विशाल भीड़ जमा है, जहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राम कथा सुना रहे हैं। लेकिन इस कथा के बीच एक ऐसा बयान आता है जो आग की तरह फैल जाता है—“अगर हिंदू राष्ट्र की बयार उठेगी, तो सबसे पहले बिहार से उठेगी।” ये शब्द सिर्फ भक्तों के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा देते हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आती है, जिसमें विधायक चंद्रशेखर बाबा को जेल भेजने की मांग करते हैं। तो आखिर ये विवाद क्या है? चलिए, इस कहानी को शुरू से समझते हैं।
बागेश्वर बाबा का बयान: Hindu Rashtra की बात बिहार से
6 मार्च 2025 को गोपालगंज में शुरू हुई Ram Katha के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हम अपने बिहार के पागलों से मिलने आए हैं। ये वीरों की धरती है। अगर हिंदू राष्ट्र की आवाज उठेगी, तो बिहार से उठेगी।” उन्होंने खुद को Hindutva का प्रचारक बताते हुए जोड़ा, “हम हिंदुओं के लिए जिएंगे और मरेंगे। बिहार के लोग सबसे ज्यादा हिंदू राष्ट्र चाहते हैं।” ये बयान उनके लिए कोई नई बात नहीं। शास्त्री पहले भी ओडिशा और प्रयागराज जैसे स्थानों पर Hindu Rashtra की वकालत कर चुके हैं। लेकिन बिहार में ये बात कहना अलग मायने रखता है—एक ऐसा राज्य जहां राजनीति और आस्था का टकराव पुराना है।

उनके समर्थकों के लिए ये बयान एक जोश भरने वाला नारा है। गोपालगंज में मौजूद भीड़ ने तालियों से इसका स्वागत किया। लेकिन उनके विरोधियों के लिए ये संविधान के खिलाफ एक खुली चुनौती है। शास्त्री का दावा है कि वो 150 करोड़ हिंदुओं को एकजुट करना चाहते हैं और Hindu unity उनका मिशन है। लेकिन सवाल ये है—क्या ये आस्था की बात है या राजनीति का खेल?
RJD का पलटवार: “जेल में डालो, संविधान विरोधी हैं”
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर RJD ने कड़ा रुख अपनाया। पार्टी विधायक चंद्रशेखर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा, “बागेश्वर बाबा को जेल में डालना चाहिए। ये संविधान विरोधी बयान दे रहे हैं और नफरत फैला रहे हैं। देश बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से चलेगा, किसी बाबा की मनमानी से नहीं।” चंद्रशेखर ने शास्त्री को “राम रहीम और आसाराम वाली कैटेगरी” का बाबा करार दिया, यानी उनका इशारा था कि शास्त्री भी विवादित ढोंगी बाबाओं की फेहरिस्त में शामिल हैं।
चंद्रशेखर का गुस्सा सिर्फ बयान तक सीमित नहीं था। उनका कहना था कि शास्त्री का Hindu Rashtra का नारा बिहार की सेक्युलर पहचान को चोट पहुंचाता है। बिहार, जहां बौद्ध और वैदिक परंपराएं एक साथ फलती-फूलती हैं, वहां “औरंगजेब की चर्चा” को लेकर भी शास्त्री ने तंज कसा था, जिसे RJD ने नफरत भड़काने वाला बताया।
तेजस्वी यादव की सधी हुई प्रतिक्रिया
जहां चंद्रशेखर ने आक्रामक तेवर दिखाए, वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सधे हुए अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “देश में किसी को भी आने-जाने की छूट है, और ये अधिकार बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में दर्ज है। हर कोई अपनी बात रखता है, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।” तेजस्वी का ये बयान एक तरफ संविधान की दुहाई देता है, तो दूसरी तरफ शास्त्री के बयान को सीधे चुनौती देने से बचता है। शायद वो बिहार के धार्मिक वोटरों को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहते।
बिहार क्यों बना Ground Zero?
बागेश्वर बाबा का बिहार में ये बयान कोई संयोग नहीं। बिहार एक ऐसा राज्य है जहां आस्था का बाजार हमेशा गर्म रहता है। हर साल लाखों लोग मंदिरों और संतों के पास जाते हैं। लेकिन ये वही बिहार है जहां गरीबी और अशिक्षा भी गहरी जड़ें जमाए हुए हैं। शास्त्री जैसे संतों की लोकप्रियता इसी मिट्टी में पनपती है—जहां लोग रोजी-रोटी से ज्यादा उम्मीदों पर जीते हैं। उनकी katha में लोग चमत्कार की तलाश में आते हैं, और शास्त्री उन्हें एक बड़ा सपना दिखाते हैं—Hindu Rashtra का सपना।
लेकिन बिहार की राजनीति इसे इतना आसान नहीं बनने देती। RJD जैसी पार्टियां अपनी सेक्युलर छवि और जाति-आधारित वोटबैंक पर टिकी हैं। शास्त्री का Hindutva का नारा उनके लिए खतरे की घंटी है, खासकर तब जब बीजेपी पहले से ही बिहार में इस जमीन को तैयार करने में जुटी है। शास्त्री के 2023 के पटना दौरे में बीजेपी नेताओं ने उनका स्वागत किया था, जिसे RJD ने “BJP का एजेंट” कहकर खारिज किया था।
शास्त्री का बचाव: “ये मेरी आस्था है”
शास्त्री ने हमेशा कहा है कि वो katha मुफ्त करते हैं और लोगों को मजबूरी में नहीं बुलाते। उनका तर्क है, “लोग श्रद्धा से आते हैं। मैं सिर्फ हिंदुओं को जागरूक करना चाहता हूं।” उनके भक्तों के लिए वो एक संत हैं जो Sanatan Dharma की अलख जगा रहे हैं। गोपालगंज में भी उन्होंने कहा, “ये देश रानी लक्ष्मी बाई का है, हिंदुओं का है।” लेकिन क्या ये आस्था संविधान से टकराती है? ये सवाल अभी अनसुलझा है।
निष्कर्ष: आस्था, राजनीति और संविधान का टकराव
बागेश्वर बाबा का बिहार से Hindu Rashtra का नारा और RJD का उसका जवाब एक बड़ी बहस को जन्म देता है। एक तरफ शास्त्री की बात लाखों भक्तों के दिल को छूती है, तो दूसरी तरफ RJD इसे संविधान पर हमला बताती है। बिहार, जो कभी बुद्ध की शांति का गवाह था, आज इस टकराव का केंद्र बन गया है। क्या शास्त्री का सपना सच होगा, या संविधान की जीत होगी? ये तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है—ये विवाद अभी थमने वाला नहीं। बिहार की धरती से उठी ये चिंगारी अब पूरे देश की नजरों में है।