पटना, 12 मार्च 2025: बिहार में होली और जुम्मा के एक साथ होने को लेकर सियासत का पारा चढ़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है, और यह मुद्दा अब एक बड़े राजनीतिक हंगामे में तब्दील हो गया है। BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के उस बयान से आग भड़की, जिसमें उन्होंने मुसलमानों को होली के दिन घर से बाहर न निकलने की नसीहत दी थी।
इस पर दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जुमे की नमाज के लिए होली को डेढ़ घंटे तक रोका जाए। दोनों बयानों ने बिहार की सियासत में तूफान ला दिया है, और अब RJD के बड़े नेता भी मैदान में कूद पड़े हैं।

BJP-RJD में ठनी, बयानों का दौर शुरू
हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा था, “होली इस बार शुक्रवार को पड़ रही है, जो रमजान के दौरान जुम्मा के साथ टकरा रही है। मैं मुसलमानों से अपील करता हूँ कि वे घर पर रहें और हिंदुओं को उनका त्योहार मनाने दें।” उनके इस बयान पर RJD ने तुरंत पलटवार किया। दूसरी ओर, दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने कहा, “जुमे की नमाज का वक्त बदला नहीं जा सकता, इसलिए होली को डेढ़ घंटे के लिए रोका जाए।” इन बयानों ने न सिर्फ सांप्रदायिक तनाव की आशंका पैदा की, बल्कि दोनों पार्टियों के बीच सियासी जंग को और तेज कर दिया।
तेजस्वी के विधायक की एंट्री, उल्टा टांगने की धमकी
इस बीच, RJD के विधायक और बिहार विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने आग में घी डालने का काम किया। बुधवार को पटना में मीडिया से बात करते हुए शाहीन ने कहा, “चाहे हरिभूषण बचौल हों या अंजुम आरा, जो भी गलत बोलता है, उसे उल्टा टांग देना चाहिए। जो हमारी एकता और भारतीय संविधान की व्यवस्था के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ FIR होनी चाहिए और उसे जेल की चारदीवारी में बंद करना चाहिए।” शाहीन का यह बयान तेजस्वी यादव के उस रुख को और मजबूत करता है, जिसमें उन्होंने पहले ही बचौल पर FIR की मांग की थी और कहा था, “यह उनके बाप का राज नहीं है।”
शाहीन ने आगे दावा किया कि तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता से BJP घबरा गई है। उन्होंने कहा, “तमाम सर्वे रिपोर्ट्स बता रही हैं कि तेजस्वी यादव बिहार के अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। BJP के लोग इसीलिए बौखलाए हुए हैं और ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।”
BJP की रणनीति या घबराहट?
सूत्रों के मुताबिक, BJP के इस बयान को कुछ लोग 2025 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। बिहार में पिछले कुछ महीनों से धार्मिक मुद्दों को लेकर बयानबाजी बढ़ी है। शाहीन ने आरोप लगाया, “तेजस्वी की लोकप्रियता को भ्रमित करने के लिए बाबाओं को बिहार भेजा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर RSS प्रमुख तक बिहार का दौरा कर रहे हैं। यह सब उनकी राजनीतिक ताकत को मजबूत करने का जरिया है।”
वहीं, BJP ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बचौल का बयान शांति बनाए रखने के लिए था। पार्टी के एक नेता ने कहा, “होली और जुम्मा एक साथ होने से तनाव की आशंका थी। बचौल ने सिर्फ सुझाव दिया, लेकिन RJD इसे सियासी रंग दे रही है।”
जनता की प्रतिक्रिया और सियासी माहौल
बिहार की जनता इस मुद्दे पर बंटी हुई दिख रही है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग बचौल के बयान को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे सांप्रदायिक बताकर निंदा कर रहे हैं। वहीं, अंजुम आरा के बयान पर भी विवाद बढ़ गया है, और उन्होंने बाद में इसे लेकर खेद जताया। लेकिन शाहीन की “उल्टा टांगने” वाली धमकी ने इस पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया है।
आगे क्या?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और यह मुद्दा आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। तेजस्वी यादव और उनकी टीम जहां इसे BJP के खिलाफ हथियार बनाने की कोशिश में हैं, वहीं BJP इसे शांति और एकता का मुद्दा बताकर बचाव कर रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सियासी घमासान बिहार की गंगा-जमुनी तहजीब को प्रभावित करेगा, या फिर यह सिर्फ चुनावी शोर बनकर रह जाएगा? फिलहाल, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर क्या रुख अपनाते हैं, जो अब तक चुप्पी साधे हुए हैं।
बिहार की सियासत में यह नया मोड़ आने वाले दिनों में और ड्रामा लाने का वादा करता है। Stay tuned!
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